आज है हिंदी दिवस, जानिए हिंदी भाषा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी

हर वर्ष की तरह इस वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। इस पर हिंदी भाषा से जुड़े कुछ रोचक जानकारियां साझा की जा रही है। हिंदी दिवस को मनाए  जाने से पहले हिंदी भाषा से जुड़ी जानकारियों को जानना और समझना जरूरी है। कैसे मनाया जाने लगा हिंदी दिवस आपको बता…

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जब जंगल बचाने के लिए पेड़ों से लिपट गयी थी स्थानीय महिलाएं

चिपको आंदोलन : एक अनोखा आंदोलन   दशकूप समावापी , दशवापीसमो हृद:। दशहृदसमो पुत्रो, दशपुत्रसमो द्रुम: ।। अर्थात- दस कुएँ के बराबर होती है एक बावड़ी, दस बावडी के बराबर एक सरोवर, दस सरोवर के समान एक पुत्र और दस पुत्रो के समान एक वृक्ष का महत्त्व होता है। मत्स्य पुराण में उल्लेखित इस श्लोक…

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‘इमुवा’ की अमृता  

यूं तो दुनिया उन्हें पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री के रुप में जानती है, पद्मविभूषण से सम्मानित एक लेखिका, जिन्होंने 100 से ज्यादा किताबें लिखीं, जिसमें उनकी आत्मकथा ‘रसीदी टिकट’ भी शामिल है। बंटवारे के दर्द को उन्होंने शब्दों में बांधकर पाठकों के सामने कुछ ऐसे रखा कि लोगों के रोंगटे सिहर गए और शब्दों…

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राजगुरु: जंग-ए-आजादी का एक नायक

इतिहास हर किसी के साथ न्याय नहीं करता है। इतिहास के गर्भ से उपजी कहानियां और उन पर होने वाली चर्चाएं, किसी की आभा इतनी बिखेर देती हैं है कि उसके सितारे सदियों तक जगमगाते रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ़ इतिहास कुछ लोगों को गुमनामी के अंधेरे कोठरी में भी धकेल देता है जहां से…

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ज़िंदगी को अल्फाज़ देने वाले गुलज़ार का जन्मदिन आज

शब्दों से खेलना, विचित्र कल्पनाओं में शब्दों को बुनना और फिर उन शब्दों से कमाल की जादूगरी करना…और सबके दिलो दिमाग पर हमेशा हमेशा के लिए कब्ज़ा कर लेना…यही तो है गुलज़ार हो जाना…जो अब तक ना कोई हो पाया है और शायद ना कोई हो पाएगा। हर अहसास को अल्फाज़ देना सिर्फ गुलजार ही…

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नई शिक्षा नीति- 2020 ‘हाउ टू थिंक’ पर फोकस

किसी भी राष्ट्र के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है वहां की शिक्षा। इसीलिए नई शिक्षा नीति पूरी तरह से हाउ टू थिंक पर फोकस करती है और भारतीयता पर आधारित है। भारत और आत्मनिर्भर बनने के लिए तमाम सारे प्रयास कर रहा है।ऐसे में जरूरी था कि भारत की शिक्षा नीति में भी आमूलचूल…

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योग की अवधारणा, जीवन का आयाम

योग एक ऐसी साधना है जिससे सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। योग मात्र प्राणायाम और आसान नहीं है बल्कि यह संस्कृति,परंपरा और यहां तक कि ईश्वर की आराधना का वैज्ञानिक साधन है। शारीरिक क्रियाओं द्वारा शरीर ही नहीं बल्कि मन और आत्मा का त्रिवेणी संगम ही योग है। विकारों को दूर करने का…

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‘पाकीज़ा’ की दास्तान-ए-इश्क

1 अगस्त 1933 को जन्म के साथ ही उनके पिता ने उन्हें अनाथाश्रम छोड़ दिया, पर कुछ ही देर में पिता की दिल पसीजा तो वापस लौटे और देखा कि उनकी मासूम सी बच्ची के नाजुक से शरीर से चींटीयां चिपकी हुई हैं। उन्होंने फटाफट अपनी बच्ची को साफ किया और घर लेकर आए, नाम…

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राफेल के असली ‘फाइटर’ को भूल गए हम

राफेल आ गया, सबका जोश हाई है। सब ने ताली पीटी, सीना चौड़ा किया, कुछ ने अपनी पीठ भी ठोंकी और कुछ ने माथा भी ठोंक लिया। लेकिन जश्न और शोर-शराबे हम उस शख्स को भूल गए जिसके सही मायने में जोश हाई किया था। राफेल डील फाइनल करने में जिसका प्रयासों का महत्पूर्ण योगदान था।…

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ये ज़िंदगी के मेले, दुनिया में कम न होंगे..अफसोस हम न होंगे..!

कोई आता है, कोई जाता है, कोई गाता है… जी, यही सच है कोई आये या जाए लेकिन दुनिया अपनी गति से चलती रहती है। जैसे आज महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद का जन्मदिन है तो हरदिल अजीज फ़िल्म जगत के सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि भी है। प्रेमचंद्र ने  हिंदी साहित्य…

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‘दिल बेचारा’ नहीं होता ‘सुशी’

एक था राजा, एक थी रानी, दोनों मर गए खतम कहानी। पर ये मरने वाली कहानियां कहां अच्छी लगती हैं। किसी को अच्छी नहीं लगती। पर ये लाइनें जाने कितने वक्त तक हर ज़ेहन में रहने वाली हैं। आज का दिन बहुत सारी यादों के साथ लेकर आया है उस चमकते सितारे की आखिरी फिल्म…

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