कोरोना वायरस (Corona Virus) से बचाव को लेकर पूरी दुनिया में दवा और वैक्सीन (Vaccine) पर शोध चल रहा है, लेकिन अब तक कोई भी देश किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है। लेकिन इस बीच उम्मीद की किरण भारत बायोटेक (Bharat Biotech), एम्स (AIIMS) और आईसीएमआर (ICMR) की देखरेख में बने कोरोना के कोवैक्सीन पर आकर टिक गई है।
एम्स, दिल्ली ने वैक्सीन का ट्रॉयल भी 24 जुलाई से शुरू कर दिया है। इसके अलावा देश के 11 अन्य सेंटर भी इस वैक्सीन पर ट्रायल (Trial) करेंगे। इन 11 सेंटरों में गोरखपुर का राणा हॉस्पिटल ( Rana Hospital) है जिसको कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के ट्रॉयल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारत बायोटेक की ओर से वैक्सीन मिलने की हरी झंडी मिलने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन वालंटियर की तलाश में जुट गया है।
जानकारी के मुताबिक कम से कम 25-50 वालंटियर की जरूरत अस्पताल को है। अस्पताल के मैनेजर वेकेंटश ने बताया कि पांच दिनों के अंदर वैक्सीन आ जाएगी। वालंटियर की तलाश शुरू कर दी गई है।
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल गोरखपुर में जल्द ही शुरू होगा। भारत बायोटेक की ओर से वैक्सीन के लिए ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद राणा अस्पताल ने अब वालंटियर तलाशना शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि पांच दिनों के अंदर कोरोना की वैक्सीन अस्पताल को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। पहले चरण में वालंटियर के सेहत की जांच होगी। उनके ब्लड का नमूना लेकर दिल्ली स्थित एक निजी लैब में भेजे जाएंगे। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद वैक्सीन का ट्रॉयल होगा।
अस्पताल प्रबंधन ने करीब एक सप्ताह पहले ही भारत बायोटेक से संपर्क किया था। पत्र के जरिए कोरोना वैक्सीन की मांग की गई थी। जिससे की जल्द से जल्द जांच ट्रॉयल शुरू किया जा सके, लेकिन उस वक्त पत्राचार का कोई जवाब नहीं मिला था।
ट्रॉयल के लिए जो भी वालंटियर मिलेंगे। उनके सेहत की जांच दिल्ली स्थित एक निजी लैब में कराई जाएगी। इसके लिए वालंटियर के नमूने लिए जाएंगे। अगर किसी वालंटियर में एंटी बॉडी विकसित होगी, तो उन्हें ट्रॉयल में शामिल नहीं किया जाएगा।