पश्चिम बंगाल में सियासी पारा एक बार फिर बढ़ा हुआ है। उत्तरी दिनाजपुर जिले में BJP विधायक की आत्महत्या के बाद से ही बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। मामले को तूल पकड़ता देख पूरे केस की जांच अब सीआईडी को सौंप दी गई है। उत्तरी दिनाजपुर की हेमताबाद सीट से बीजेपी विधायक देबेन्द्र नाथ रे की लाश उनके घर से करीब एक किलोमीटर दूर लकड़ी की छत से लटकी हुई मिली थी।
गौरतलब है कि उनकी जेब से एक चिट्ठी भी बरामद हुई है जिसमें उन्होंने माबूद अली और नीलय सिंघा नामक दो लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। यही नहीं इस चिट्ठी में दोनों की तस्वीर और मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है। बताया जा रहा है कि दोनों मालदा जिला के रहने वाले हैं।
वहीं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि देबेन्द्र नाथ का शव एक मोबाइल की दुकान के सामने लटका हुआ पाया गया। ये वही दुकान है, जहां अक्सर उनका आना-जाना होता था। उनकी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उल्लेख है कि मौत से पहले उन्हें चोट लगी थी। जबकि उनकी मौत फांसी के कारण हुई है। इसका रासायनिक परीक्षण भी किया जा रहा है।
इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये नतीजा नहीं निकला कि यह आत्महत्या है या एक हत्या। उन्होने यह भी कहा कि हम इस मामले को लेकर बहुत गंभीर हैं। इसकी जांच CID को सौंप दी गई है। विधायक की मौत के मामले में किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप या बाहरी दखल की इजाजत नहीं दी जाएगी।
एक ओर जहां बीजेपी लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है वहीं विधायक के परिवार वालों ने भी इस मामले को हत्या करार दिया है। परिजनों का कहना है कि राजनीतिक रंजिश के चलते देबेन्द्र नाथ की हत्या की गई है और जानबूझ कर इसे आत्महत्या बताया जा रहा है।