बलरामपुर: छात्रा की पीएम रिपोर्ट ने उड़ाई प्रशासन की नींद, जख्मों पर लगाया रूपयों का मरहम

बलरामपुर: बलरामपुर गैंगरेप मामले में छात्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए है। गैंसड़ी कोतवाली क्षेत्र में छात्रा की मौत ने पुलिस की संवेदनहीनता की कलई खोल कर रख दी है। एक तरफ जहां पीड़िता की मां पुलिस के सामने बेटी के अपहरण और उसके साथ दरिंदगी की बात कह कर रोती रही, बिलखती रही तो वहीं मंगलवार रात से ही पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट की रट लगाकर पीड़ित परिवार को टालती रही। लेकिन बुधवार देर रात पीड़िता के साथ गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद आला अधिकारियों के होश उड़ गए।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी को भी रात में ही गैंसड़ी रवाना होना पड़ा। वहीं गुरुवार को शक्तिपीठ देवीपाटन के महंत मिथिलेश नाथ योगी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और एसपी देवरंजन वर्मा ने पीड़ित परिवार को 6लाख 18 हजार 750 रुपये का सहायता चेक दिया है।

इस पूरे मामले में कॉलेज से लेकर घर पहुंचने तक करीब साढ़े नौ घंटे के बीच छात्रा के साथ क्या और किसने किया, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं पूरे दिन होती रहीं। एक प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर ने चाचा-भतीजे के कुकर्मों की गठरी खोली, तब भी पुलिस मामले को दबाने की कोशिश करती रही।

 मामले को लेकर अनसुलझे सवाल

इस पूरे मामले में कई सवाल उठ रहे हैं जो अनसुलझे हैं। पड़ोस के लोगों ने बताया कि एक रिक्शा वाला छात्रा को पीठ पर लादकर ले जा रहा था। जब रिक्शे वाले से इस बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि इलाज के लिए ले जा रहा है। रिक्शा वाला छात्रा को इलाज के लिए क्यों ले जा रहा था। छात्रा की दोनों जूतियां झाड़ियों में दूर-दर पड़ी मिलीं। रिक्शा वाला कौन था, छात्र के घर तक दस साल का कौन बच्चा छोड़ने गया, इन सवालों का जवाब पुलिस तलाश रही है।

देर रात तक हुआ पोस्टमार्टम

मंगलवार शाम को छात्रा की मौत के दूसरे दिन बाजार में काफी गहमागहमी रही। अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्र दोपहर तीन बजे के बाद वहां पहुंचे। वहीं संयुक्त जिला अस्पताल में देर रात तक पोस्टमार्टम चला, लेकिन रिपोर्ट के बारे में मृतका के घरवालों को नहीं बताया गया। पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा का कहना है कि दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से गैंसड़ी बाजार में पुलिस बल तैनात है।

पीड़ित परिवार के जख्मों पर लगाया रुपयों का मरहम

हाथरस दरिंदगी के बाद बलरामपुर की दरिंदगी ने प्रशासन की रातों की नींद उड़ा दी है। पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए आला अधिकारी और राजनीतिक पार्टियों के लोग पहुंच परिवार से मुलाकात करने के लिए पहुंच रहे हैं। गुरुवार सुबह शक्तिपीठ देवीपाटन के महंत मिथिलेश नाथ योगी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और एसपी देवरंजन वर्मा ने पीड़ित परिवार के जख्मों पर  6 लाख 18 हजार 750 रुपये का सहायता चेक देकर मरहम लगाने की कोशिश की है।

 

 

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