उत्तराखंड के लगभग आधे युवा रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुंबई समेत अनेक अन्य शहरों में कार्य करते हैं। पर जब लॉकडाउन कहर बनकर आया तो सब अपने अपने गांव लौट आए जो थोड़े समृद्ध थे उन्होंने महामारी खत्म होने का इंतजार किया जिससे वह वापस शहरों में जाकर रोजगार शुरु कर सकें। पर कुछ मेहनती युवाओं ने अपने अपने गांव में ही स्वरोजगार करने की ठान ली जिससे परिवार के करीबी रह पाएं और जीविका भी चला पाएं। इस तरह के जज्बे वाले मेहनती युवाओं की पहल कुछ अराजक तत्वों को रास नहीं आयी।
इस तरह का एक मामला बागेश्वर जिले के सिमीनरगौल गांव से आया जहां पर एक युवा सुनील कुमार ने लॉकडाउन में बेरोजगार होने की वजह से किसी तरह से पैसों का इंतजाम कर और कर्ज लेकर एक रेहड़ी लगाई।कर्ज लेकर ही सामान भी जोड़ा, पर यह काम गांव के किसी अराजक तत्व को अखर गया और रात अंधेरे में कुल्हाड़ी से रेहड़ी को तोड़ फोड़ कर गधेरे में फेंक दिया।
यह वाकया सोशल मीडिया में फैल गया और बड़े अधिकारियों की नजर भी इस पर पड़ गई। जब घटना की भनक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लगी तो उन्होंने बागेश्वर जिला प्रशासन और बागेश्वर पुलिस को कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद आज बागेश्वर जिला प्रशासन ने सुनील कुमार को एक रेहड़ी मुहैया कराई साथ ही बागेश्वर पुलिस भी अराजक तत्वों की खोजबीन में जुट गई है। बागेश्वर जिला प्रशासन का यह कार्य सराहनीय है।