अयोध्या Ayodhya। श्री राम जन्मभूमि (Sri Ram janmbhumi) मंदिर के निर्माण की सारी भूमिकाएं पूरी की जा चुकी है। बुधवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर का नक्शा पारित कर दिया गया। अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड द्वारा यह नक्शा सर्वसम्मति से पारित हुआ। इस नक्शे में तय किया गया है कि 13000 वर्ग मीटर में मंदिर और 274110 वर्ग मीटर में ओपन एरिया स्पेस दिया जाएगा।
नक्शा पारित होने के बाद मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में होने वाले भव्य मंदिर निर्माण में 1 ग्राम लोहे का भी प्रयोग नहीं किया जाएगा। श्री राम मंदिर पत्थरों द्वारा निर्मित होगा। निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले पत्थर की आयु लगभग एक हजार साल होगी। यानी कि बंदर की आयु 1000 वर्ष तक रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भूमि परीक्षण के लिए लार्सन एंड टुब्रो कंपनी और आईआईटी के इंजीनियरों की सहायता ली जा रही है। निर्माण स्थल की मिट्टी का परीक्षण आईआईटी चेन्नई द्वारा किया गया है। यह परीक्षण लगभग 60 मीटर की गहराई तक की मिट्टियों का हुआ है।
उनका कहना है कि मंदिर निर्माण में पत्थर के अलावा तांबे का भी प्रयोग होगा। आशा है कि 10,000 तांबे की पत्तियों और राड की इसमें जरूरत पड़ेगी। यह तांबा दान के द्वारा प्राप्त किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में पहले से मिले अवशेषों की दीर्घा सजाई जाएगी। जिसे श्रद्धालु देख सकेंगे। मंदिर परिसर 3 एकड़ एरिया में होगा।