बुढ़ापे में सक्रिय रहकर फालिज और स्ट्रोक से बचें

कैलिफ़ोर्निया: एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि वृद्धावस्था में निष्क्रिय गतिविधि बुजुर्गों में स्ट्रोक के जोखिम को 14% तक बढ़ा देती है। यानी शारीरिक गतिविधि की कमी से इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।

अमेरिकी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार जो लोग दिन में 13 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहते हैं, उनको फालिज होने के आसार ज़्यादा होते हैं, बनिस्बत उनके जो दिन में 11 घंटे से कम समय बैठ कर बिताते हैं।

इसके विपरीत दिन में 25 मिनट के लिए थोड़ा सा व्यायाम स्ट्रोक के जोखिम को 40% से अधिक कम कर देता है। अध्ययनों से पता चला है कि आलस्य हमारी धमनियों में वसा का निर्माण कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

शारीरिक गतिविधि कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और वसा को कम करके स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करती है।

अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में सैन डिएगो विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में औसतन 63 वर्षीय पुरुषों और महिलाओं के साथ गति ट्रैकिंग उपकरण कनेक्ट किए।


विश्लेषण में पाया कि जो लोग दिन में 13 घंटे से अधिक समय तक निष्क्रिय रहे, उनमें स्ट्रोक का खतरा अधिक था।


अध्ययन में भाग लेने वालों को अपनी पीठ पर एक एक्सेलेरोमीटर पहनने के लिए कहा गया, जो एक सप्ताह तक यह देखता था कि उन्होंने कितनी गति और किस तीव्रता के साथ समय बिताया है। उन्हें डिवाइस को दिन में 16 घंटे पहनना था जबकि अपनी नींद के दौरान इसे रात उतारने की अनुमति थी।

परिणामों ने उन घंटों को निष्क्रिय रहने तथा हल्के व्यायाम, घर के चारों ओर घूमना या थोड़ा अधिक ज़ोरदार व्यायाम करना जैसे साइकिल चलाने सम्बंधित थे। यहाँ निष्क्रिय गतिविधियों का अर्थ है कुर्सी पर बैठना, सोफे पर लेटना या लंबे समय तक खड़े रहना।

सात साल बाद शोधकर्ताओं ने अपने मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और पाया कि जो लोग दिन में 13 घंटे से अधिक समय तक निष्क्रिय रहे, उनमें स्ट्रोक का खतरा अधिक था।

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