77 वर्ष की उम्र में लॉ पढ़ने के लिए महिला ने किया बार काउंसिल के नियमों को चैलेंज

कहते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इसी बात को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश( Uttar Pradesh) के साहिबाबाद निवासी राजकुमारी त्यागी (Rajkumari tyagi) ने 77 वर्ष की उम्र में लॉ पढ़ने की इच्छा पाल ली । पर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar council of India) के नियम उनको इस बात की इजाजत नहीं देते ।

 

राजकुमारी ने बार काउंसिल के नियमों को चैलेंज करते हुए सुप्रीम कॉर्ट में एक याचिका दायर की है । उनका कहना है कि इस तरह के नियमों से संविधान के आर्टिकल 14, आर्टिकल 19(1)(g) , और आर्टिकल 21 का उल्लंघन होता है । आर्टिकल 14, कानून के समक्ष समानता की बात करता है ।आर्टिकल 19(1)(g), कोई भी पेशा और व्यापार करने की आजादी देता है । आर्टिकल 21, जीवन जीने की आजादी और व्यक्तिगत आजादी की बात करता है ।

राजकुमारी को अपने पति के गुजर जाने के बाद तमाम कानूनी प्रक्रियाओं में उलझना पड़ा ताकि वे अपने संपत्ति को बचा सकें । इस दौरान उनको बहुत सी कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इससे खिझकर उन्होंने लॉ पढ़ने की ठान ली । आपको बता दें कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार 5 साल के LLB प्रोग्राम में नामांकन के लिए अधिकतम उम्र सीमा 20 साल जबकि 3 साल के LLB प्रोग्राम में नामांकन लिए अधिकतम उम्र सीमा 30 साल की है।

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