पिथौरागढ़ – उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सुवाकोट (Suvakot) गांव में लोकल आर्मी यूनिट ने गांव के नवनिर्मित पानी के टैंक को तोड़ दिया। ग्रामीणों के मुताबिक टैंक 15 दिन पहले ही साढ़े 6 लाख की लागत से बनकर पूरा हुआ था। जिसकी क्षमता 60000 लीटर की थी और आसपास के क्षेत्र में लगभग तीन हजार घरों को पानी सप्लाई करने के उद्देश्य से बनाया गया था।
टैंक को तोड़ने के पीछे आर्मी यूनिट (Army Unit) का कहना था कि यह जिस जमीन पर बना है वह जमीन आर्मी की है। जिसके बाद ग्रामीण काफी आक्रोश में है और इसके विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतर आए। अगले दिन सुबह पिथौरागढ़ (Pithoragarh) की विधायक चंद्रा पंत (MLA Chandra Pant) उपजिलाधिकारी, जल संस्थान के अधिकारी और पंचायत अधिकारी सब वहां पहुंच गए। उप जिलाधिकारी के निर्देश के बाद टैंक तोड़ने में उपयोग किया गया बुलडोजर जब्त कर के पुलिस को सौंप दिया गया।
सेना का दावा गलत
सूचना के मुताबिक सेना की लोकल यूनिट ने 10 सितंबर रात को 2:30 बजे जेसीबी मशीन से टैंक तोड़ना शुरू किया। आवाज सुनने के बाद ग्रामीण ग्राम प्रधान राकेश कुमार के साथ घटनास्थल की ओर जाने लगे लेकिन सेना के लोगों ने आर्मी की एक्सरसाइज बताते हुए उन्हें वहीं पर रोक दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी प्रशासन को दी और सुबह 7:00 बजे विधायक चंद्रा पंत, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, एसडीएम तुषार सैनी SDM Tushar Saini, जल निगम के अधिशासी अभियंता घटनास्थल पर पहुंचे।
सेना पर मुकदमा दर्ज
टैंक ध्वस्त करने के कारण पूछे जाने पर सेना ने उस जमीन पर अपना मालिकाना हक बताया। जिसके बाद संबंधित अधिकारियों से उस क्षेत्र के भू अभिलेख मंगाए और उन अभिलेखों में सेना की जमीन के होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले जिसके बाद जेसीबी को जब्त किया गया। दोपहर बाद ग्रामीणों ने जाजरदेवल थाने (Jajardeval Thaana) में आर्मी यूनिट के खिलाफ एफआइआर (FIR) भी दर्ज कराई।
टैंक तोड़े जाने के कारण क्षेत्र की लगभग 3000 की आबादी के सामने पानी की अनुपलब्धता खड़ी हो गई है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता आर एस धर्मशक्तु ने जानकारी दी कि अभी क्षेत्रीय लोगों के जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन को डायरेक्ट जोड़ दिया गया है। चूंकि टैंक 6 फीट अंडर ग्राउंड भी था और जिस में पानी जमा था और उससे कोई दुर्घटना होने की आशंका थी इस वजह से फायर ब्रिगेड बुलाकर नीचे का पानी खाली करा दिया गया।