Akhilesh complained to the EC: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जहां एक तरफ नजदीक आता जा रहा हैं वहीं दूसरी तरफ चुनाव में शामिल सभी विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर तंज कसने और बयानबाज़ी करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं ,आपको बता दे कि इस चुनावी बयानबाज़ी के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उनके बयानो को लेकर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से उनकी शिकायत दर्ज़ करवाई हैं |
Akhilesh complained to the EC: ट्वीट के जरिये भी सामने रखी अपनी बात
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 3, 2022
गुरूवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा के ट्वीटर अकाउंट के जरिये एक शिकायत भरा पोस्ट किया ,जिसमे उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर चुनाव के समय उनकी पार्टी व उन पर गलत टिप्पणी करने के आरोप लगाए हैं , वही आरोप लगाते हुए उन्होंने चुनाव आयोग से उनकी शिकायत की |
Akhilesh complained to the EC: आखिर क्या लिखा था पत्र में
अखिलेश यादव ने अपने शिकायत पत्र में सीधे योगी आदित्यनाथ पर आरोप लागते हुए कहा कि ” आपके संज्ञान में हम यह तथ्य लाना चाहते हैं कि राज्य विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2020 के चुनाव प्रचार में सत्तापक्ष भाजपा के मुख्यमंत्री जी विपक्ष के प्रति जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं,सयंत और भद्र भाषा की शैली में नहीं आता हैं लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का कोई औचित्य नहीं हैं |”
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Akhilesh complained to the EC: योगी के किन शब्दों को पर जताई आपत्ति
अखिलेश यादव ने अपने शिकायत पत्र में योगी द्वारा की गयी कई टिप्पणियो का जिक्र किया हैं जिसमे उन्होंने 10 मार्च के बाद आगरा में बुल्डोजर चलेगा वाले शब्दों को धमकी बताते हुए आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी 1 फरवरी 2022 को मेरठ में सिवालखास और किठौर की सभाओ में कहा ‘लाल टोपी मतलब दंगाई ,हिस्ट्रीशीटर ‘। मुख्यमंत्री जी ने कैराना मुजफ्फरपुर में कहा ‘जो गर्मी दिखाई दे रही हैं,ये सब शांत हो जाएगी “गर्मी कैसे शांत होगी ये मैं जनता हूँ ‘जैसी अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग किया गया हैं | वे लगातार धमकाने वाली भाषा बोल रहे हैं |
Akhilesh complained to the EC: चुनाव आयोग से की गुजारिश
अखिलेश यादव ने अपने पत्र में चुनाव आयोग से गुजारिश करते हुए कहा कि “आप इस बात से सहमत होंगे कि चुनाव प्रचार की गहमागहमी में भी अपने विपक्षी के प्रति अशालीन भाषा को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता हैं “वही उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से तो मर्यादाविहीन भाषा -व्यवहार की कतई उम्मीद नहीं की जाती हैं। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और सत्तापक्ष द्वारा आदर्श आचार सहिंता का लगातार उलंखन चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वत्रंत्रता दोनों पर गहरा आघात करता हैं ”
अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की तरफ से मांग करते हुए चुनाव आयोग से मांग की है कि मुख्यमंत्री को अनुकूल भाषा के प्रयोग करने के संबंध में तत्काल प्रभावी निर्देश जारी किया जाए ।
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