प्रयागराज: अखाड़ा परिषद की बैठक में काशी-मथुरा की मुक्ति के लिए तैयार हुई रणनीति

प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद साधु संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी और मथुरा को मुक्त कराने का ऐलान कर दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में हुई आपात बैठक में साधु संतों ने सर्वसम्मति से कुल 8 प्रस्ताव पास किये हैं। बैठक में काशी-मथुरा को मुक्त कराने के लिए रणनीति तैयार की गई।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि आम सहमति न बनने पर संवैधानिक तरीके से कोर्ट के माध्यम से कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने अयोध्या की तरह काशी और मथुरा की मुक्ति के लिए आरएसएस-वीएचपी से समर्थन भी मांगा है।

अखाड़ा परिषद ने कहा है कि काशी और मथुरा को मुक्त कराने के लिए वीएचपी और आरएसएस के साथ ही अन्य हिन्दूवादी संगठनों की मदद से अखाड़ा परिषद बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा।

महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि उप्र में योगी आदित्यनाथ की सक्षम सरकार है और राज्य में मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र में साधु असुरक्षित हैं और उनकी हत्याएं हो रही हैं। बढ़ते लव जेहाद के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्रवाई के लिए अखाड़ा परिषद ने धन्यवाद दिया है।

उन्होंने प्रयागराज में जनवरी में होने वाले माघ मेले पर रोक न लगाने की सरकार से अपील की है और केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक माघ मेले का आयोजन करने की बात कही है।

अखाड़ा परिषद ने माघ मेले में संस्थाओं पर रोक लगाकर संत-महात्माओं और कल्पवासियों को स्थान देने की मांग की है। प्रयागराज की परिक्रमा की परंपरा में इस बार कम संख्या में साधु-संत शामिल होंगे।

पालघर की घटना की सीबीआई से जांच की कराने की भी मांग की गई। अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और सचिव हरिगिरि के अलावा सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद रहे।

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