राफेल विमानों के आगमन के साथ ही उसके संचालन और रखरखाव की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। बुधवार की दोपहर यह भारत की धरती पर लैंड होगा। इसके लिए वायुसेना में भी विशेष तैयारियां हैं। अंबाला एयरबेस पर राफेल के लिए कई निर्माण भी हुए हैं। शेल्टर, हैंगर और अन्य सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचे पर भी वायुसेना ने प्रबंध किया है। इस पूरी प्रक्रिया को फ्रांसीसी विशेषज्ञों की देख अगुवाई में बनाया गया है।जिससे कि उसके संचालन और रखरखाव में किसी तरह की परेशानी न हो। इस पूरी प्रक्रिया में 400 करोड़ रुपए की लागत आयी है।आपको बता दें कि राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से भारत की युद्ध शक्ति बढ़ेगी।
आज जब भारत आए दिन पाकिस्तान के कारण अपने जाबाजों को खो रहा है। उस समय इस तरह की शक्ति भारत के लिए बहुत जरूरी है।यह हथियारों को ले जाने के साथ कई हथियारों से लैस भी है। वहीं यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीएस की मिटोर,स्कैल्प क्रूज मिसाइल, मीका हथियार प्रणाली इसमें शामिल है। जानकारी कि औपचारिक रूप से 15 अगस्त के बाद यह वायुसेना में शामिल होंगे। विशेष बात यह भी है कि भारत आने पर इसको नया नाम भी दिया जाना है। यूं तो राफेल का मतलब फ्रेंच ने तूफान होता है।
हालांकि 10 राफेल फ्रांस द्वारा भारत को सौंपे जा रहे हैं। जिसमें 5 विमानों पर वायुसेना का प्रशिक्षण जारी है।दूतावास ने जानकारी दी है कि यह प्रशिक्षण अभी 9 महीने तक चलेगा।बाकी 16 विमान 2021के अंत तक भारतीय वायुसेना में शामिल होने की संभावना है।