कभी आर, कभी पार वाली अभिनेत्री कुमकुम ने दुनिया को कहा अलविदा

मधुबन में राधिका बन नाचने वाली, कभी आर, कभी पार लागा तीरे नजर गाने से सबका दिल जीतने वाली दिलकश अदाकारा कुमकुम (ACTRESS KUMKUM) अब किसी को नजर नहीं आएंगी। खूबसूरत और कमाल की डांसर (BEAUTIFUL AND BEST DANCER) अभिनेत्री कुमकुम ने 86 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वो काफी वक्त से बीमार चल रही थीं। मदर इंडिया, प्यासा, कोहिनूर और एक सपेरा जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकी कुमकुम के निधन (DEATH OF KUMKUM) पर पूरे फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। लता मंगेशकर (LATA MANGESHKAR)और नावेद जाफरी (NAVED ZAFARI) समेत कई बॉलीवुड सितारों ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

बिहार राज्य से निकली इस अभिनेत्री का जीवन बेहद ही संघर्षो से घिरा रहा लेकिन हार न मानते हुए उन्होंने खुद अपने प्रतिभा के दम पर अपना मुकाम हासिल किया। कुमकुम नाम से मशहूर इस दिवंगत अभिनेत्री के कई फसाने इतिहास में दर्ज हैं। आइये जानते हैं हिंदी सिनेमा जगत में क्या है अदाकारा कुमकुम का योगदान।

फिल्मी सफर

1934 में बिहार के हुसैनाबाद में जन्मी ‘जेबुन्निसा’ जब मायानगरी मुंबई पहुंची तो वह कुमकुम बन गई। यूं तो उनको फिल्मों में पहला ब्रेक सोहराब मोदी की 1954 में आई फिल्म ‘मिर्जा गालिब’ से मिला पर इस फिल्म में उनका रोल काफी छोटा था जिससे उनपर लोगों की उतनी नजर नहीं पड़ी, पर उसी साल आई गुरु दत्त की फिल्म ‘आरपार’ से उन्हें पहचान मिलने लगी।

फिल्म आरपार का मशहूर गीत “कभी आर कभी पार लागा तीरे नज़र” जो कुमकुम पर फिल्माया गया था, सुपरहिट साबित हुआ तो वहीं कुमकुम एक जाना पहचाना चेहरा बन गयीं। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुमकुम ने गुरुदत्त की फिल्म प्यासा, महबूब खान की मदर इंडिया,  और सन ऑफ इंडिया में दमदार अभिनय किया। वह दिलीप कुमार और धर्मेंद्र जैसे शीर्ष अभिनेताओं के साथ भी कई फिल्मों में नजर आई।

कुमकुम एक कुशल अभिनेत्री होने के साथ-साथ कमाल की डांसर भी थीं, जिन्हें इंडियन क्लासिकल और वेस्टर्न दोनों में महारत हासिल थी। महान कथक डांसर पंडित शंभू महाराज, अभिनेत्री कुमकुम को अपनी पुत्री मानते थे और उनकी ही बदौलत वो कथक में भी पारंगत थी।

भोजपुरी फिल्मों के इतिहास की पहली फ़िल्म “गंगा मैया तोहे पियरी चढाईबो” में भी कुमकुम ने अभिनय किया था। ये फिल्म अपने जमाने की सुपरहिट फिल्म थी तो इस फिल्म के गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं।

कुमकुम ने 1975 में बिजनेसमैन सज्जाद खान से शादी कर ली और फिल्मी दुनिया हमेशा के लिए छोड़ दिया।

‘मेरे महबूब कयामत होगी’ और ‘मधुबन में राधिका नाचे रे’ जैसे लोकप्रिय गानों और कई सदाबहार फिल्मों के जरिये कुमकुम हमेशा हमारे दिल में जिंदा रहेंगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *