आंदोलन में मरने वाले किसानों के 2 परिवारों को आप ने दी आर्थिक मदद

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नवनियुक्त पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा शनिवार सुबह पंजाब के मोगा पहुंचे। यहां उन्होंने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले माखन खान और गुरबचन सिंह के घर जाकर इन परिवारों को आर्थिक सहायता दी।

राघव ने कहा, 32 वर्षीय माखन खान और 80 साल के गुरबचन सिंह अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए कुर्बान हो गए। वे केंद्र सरकार द्वारा थोपे गए 3 कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। अगर सरकार ने थोड़ी संवेदनशीलता दिखाई होती तो आज इस परिवार के लिए स्थिति कुछ और होती, मोगा में इन घरों में शोक का माहौल नहीं होता।

गुरबचन सिंह 3 दशकों से किसान यूनियन के सदस्य थे। पिछले दो महीने से वह एक कंपनी के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। 30 नवंबर, 2020 को उनकी दुखद मृत्यु हो गई।

माखन खान की मृत्यु 14 दिसंबर 2020 को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान हुई जहां वो 26 नवंबर से लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। यहां दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।

चड्ढा ने दोनों परिवारों को आर्थिक सहायता देने के बाद कहा, यूं तो कोई भी आर्थिक सहायता इन दोनों बहादुर किसानों को वापस नहीं ला सकती, लेकिन हमने अपनी तरफ से परिवार को भावनात्मक और आर्थिक सहारा देकर उन्हें ये बताया है कि वे अकेले नहीं हैं। आम आदमी पार्टी किसानों के लिए लड़ना बंद नहीं करेगी, हम झुकेंगे नहीं।

राघव ने आगे कहा, पंजाब के अमृतसर, जालंधर और संगरूर के 3 किसानों ने गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव को लीगल नोटिस भेजे हैं। उन्होंने बिना शर्त किसानों से माफी मांगने और किसानों के खिलाफ बोले गए अपने अपमानजनक शब्द वापस लेने की मांग की है।

लीगल नोटिस में कहा गया है कि भाजपा नेताओं की ये टिप्पणियां एक सोची-समझी साजिश है। किसानों को कलंकित कर इस आंदोलन को बदनाम और कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

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