2019 मे 809 पाकिस्तानी नागरिकों को मिली भारतीय नागरिकता, सबसे ज्यादा बांग्लादेश से

केंद्र द्वारा दी गई जानकारी से पता चला है कि 2015 से पाकिस्तान के प्रवासियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। ऑफिशिअल आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिकों ने पिछले साल 900 से अधिक विदेशियों का समूह बनाया। ये समूह भारतीय नागरिकता हासिल करने वाले कई देशों के लोगों का था।
आपको बता दें कि केन्द्र द्वारा जारी ये आँकड़े पिछले तीन वर्षों के हैं।

 

हर साल बढ़े हैं पाकिस्तान के प्रवासी

गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत सरकार ने पिछले साल की 2019 मे 809 पाकिस्तान के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी थी।

केंद्र द्वारा दी गई जानकारी से पता चला है कि 2015 से पाकिस्तान से आये प्रवासियों की संख्या में हर साल वृद्धि हुई है। इसके अलावा, पाकिस्तान से प्रवासियों की संख्या साल 2019 में 2018 के 450 से बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है।

भारत ने 2015 मे 263, 2106 मे 670, 2107 मे 476, 2018 मे 450 और 2109 मे 809 यानी कुल 2,668 पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी।

 

2015 से सबसे ज्यादा बांग्लादेश के नागरिकों को मिली नागरिकता

2015 के बाद से, सबसे ज्यादा भारतीय नागरिकता बांग्लादेशियों को मिली है। इसका मुख्य कारण 2015 मे भारत-बांग्लादेश के बीच हुआ भूमि सीमा समझौते था।

2015 में भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, 14,864 बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7 के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी।

केन्द्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2015 मे 14,880, 2016 मे 39, 2017 मे 49, 2018 मे 19 और 2109 मे 25 सहित कुल 15012 बांग्लादेशी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिली।

 

अफगानिस्तान और अमेरिका से भी आये हैं प्रवासी

अफगानिस्तान के भी 2015 से 2019 तक 665 नागरिकों ने भारतीय सिटिजनशिप के लिये आवेदन किया। अफगानिस्तान से साल 2015 मे 234, 2016 मे 244, 2017 मे 117, 2018 मे 30 और 2019 मे 40 लोग भारतीय सिटिजनशिप पाने मे कामयाब हुए।

इसके अलावा अमेरिका के भी 2015-16-17 मे हर साल 25-25, 2018 मे 20 और 2019 मे 10 इस तरह कुल 105 नागरिक और यूनाइटेड किंगडम के 40 नागरिक भारतीय नागरिक बन गये।

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