जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक आज चंडीगढ़ में

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में दो दिवसीय जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक मंगलवार से चंडीगढ़ में शुरू हो रही। राज्यों के वित्तमंत्रियों के समूह की ओर से इसमें दो रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएंगी। विपक्ष द्वारा शासित राज्य दरों के तर्कसंगत बनाने के साथ राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति को जारी रखने की बात कही जाएगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार राजकोषीय स्थिति की तंगी का हवाला देते हुए इसे रोकने की कोशिश करेगी।

बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा होने का अनुमान है उनमे ई-वाहनों का नाम आता है। इसके लिए जीएसटी दरों पर स्पष्टीकरण जारी करने के साथ बैटरी से लैस या बिना बैटरी के ई-वाहन पर पांच फीसदी जीएसटी लगाने पर चर्चा हो सकती है।

सोने तथा बहुमूल्य पत्थरों के लिए ई-वे बिल जरूरी पर भी चर्चा के आसार हैं। परिषद द्वारा दो लाख रुपये एवं उससे अधिक मूल्य के सोने तथा बहुमूल्य पत्थरों की राज्यों के बीच आवाजाही के लिए ई-वे बिल और ई-चालान अनिवार्य किया जा सकता है। सालाना 20 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिएयह व्यवस्था होगी।

इसके अलावा छोटे ई-कॉमर्स आपूर्तिकर्ताओं को पंजीकरण में राहत की उम्मीद है। छोटे व्यवसायों को अनिवार्य पंजीकरण मानदंडों से छूट मिल सकती है। इसके साथ ही 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले ई-कॉमर्स आपूर्तिकर्ताओं को कंपोजिशन योजना चुनने की अनुमति होगी, जिसके तहत कर की कम दर और सरल अनुपालन की पेशकश करती है।


इस दो दिवसीय बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने पर विचार किया जा सकता है।


केंद्र ने 2020-21 में उपकर संग्रह में गिरावट के कारण राज्यों की क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये तथा 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। परिषद की 45वीं बैठक में वित्तमंत्री ने कहा था कि राज्यों को राजस्व कमी के लिए मुआवजा देने की व्यवस्था जून, 2022 में खत्म हो जाएगी। चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में अधिकारियों की समिति या फिटमेंट समिति की ओर से प्रस्तावित कर दरों पर भी विचार किया जाएगा।

जीएसटी परिषद की बैठक में कृत्रिम अंगों और ऑर्थोपेडिक प्रत्यारोपण पर एक समान पांच फीसदी जीएसटी लगाने पर पर बात हो सकती है। इसके अलावा, रोपवे यात्रा पर पांच फीसदी जीएसटी लगाने की भी सिफारिश की गई है। वर्तमान में इस पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी देना पड़ता है।

इस दो दिवसीय बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने पर विचार किया जा सकता है।

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