उत्तराखंड सरकार, हर साल की तरह इस साल भी 8 अगस्त को वीरांगना तीलू रौतेली की जयंती मनाएगी। इस अवसर पर यूके सरकार की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस बार राज्य की 21 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार दिये जाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही 22 आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड की ‘महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या’ ने पुरस्कारों के लिए चुने गए नामों की लिस्ट पहले ही जारी कर दी थी।
कौन-कौन है लिस्ट में
अल्मोड़ा – प्रीति भंडारी, शिवानी आर्य
चमोली – शशि देवली
बागेश्वर – गुंजन बाला
हरिद्वार – पुष्पांजलि अग्रवाल
चंपावत – जानकी चंद
पौड़ी – मधु खुशगाल
देहरादून – उन्नति बिष्ट, संगीता थपलियाल, गीता मौर्या
नैनीताल – कंचन भंडारी, माया उपाध्याय
पिथौरागढ़ – सुमन वर्मा, शीतल
टिहरी गढ़वाल – कीर्ति कुमारी
रुद्रप्रयाग – बबीता रावत, सुमती थपलियाल
उधमसिंह नगर – ज्योति उप्रेती अरोड़ा, मीनू गुप्ता, चंद्रकला राय
उत्तरकाशी – हर्षा रावत
क्या मिलता है पुरस्कार में ?
तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं को 21 हजार की धनराशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जो विभागीय पुरस्कार मिलेगा उसमें दस हजार धनराशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
कौन थीं तीलू रौतेली ?
तीलू रौतेली को पहाड़ की रानी लक्ष्मी बाई के नाम से भी जाना जाता है। वह एक ऐसी वीरांगना है जिन्होंने 15 वर्ष की आयु में हाथ में तलवार थाम ली थी और 7 साल तक विरोधियों को नाको चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने अपने छोटे से जीवन काल में कई युद्ध लड़े और जीते। बताया जाता है कि दुश्मनों ने उन्हें उस वक्त धोखे से मार दिया जब वह तालाब में पानी पीने गई हुई थी। उनकी जन्मतिथि के बारे में कुछ कहीं स्पष्ट नहीं है लेकिन हर साल उत्तराखंड में 8 अगस्त को उनकी जयंती मनाई जाती है।