बांग्लादेश में 130 मिलियन लोग ब्लैकआउट से प्रभावित

बांग्लादेश: राजधानी सहित यहाँ के लगभग सभी प्रमुख शहरों को इन दिनों खासा समय अंधेरे में बिताना पड़ रहा है। बिजली कंपनियों के मुताबिक़ बांग्लादेश में कम से कम 130 मिलियन लोग ग्रिड की विफलता के कारण मंगलवार को बिजली के बिना रहने को मजबूर थे। लंबी बिजली कटौती के बाद आबादी का गुस्सा तेज हो गया।

उत्तर पश्चिमी बांग्लादेश के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में बिजली नहीं है। डीजल बिजली संयंत्रों को बंद करने के सरकार के फैसले के कारण बांग्लादेश पहले से ही 1,500 मेगावाट बिजली की कमी का सामना कर रहा है, जबकि कई क्षेत्र पहले से ही बिजली के के बगैर गुज़ारा कर रहे हैं। इन इलाक़ों में 15 से 20 घंटे लोड शेडिंग जारी है।


अर्थशास्त्रियों के मुताबिक़ स्थानीय मुद्रा टका के अवमूल्यन से डॉलर की तुलना में लगभग 20% की कमी से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है।


सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि पावर ब्रेकडाउन का कारण नेशनल पावर ग्रिड में खराबी हो सकता है, जबकि देश के पूर्वी हिस्से की ट्रांसमिशन लाइन में भी खराबी आ गई।

अर्थशास्त्रियों के मुताबिक़ स्थानीय मुद्रा टका के अवमूल्यन से डॉलर की तुलना में लगभग 20% की कमी हुई है, और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है।

इससे पहले बांग्लादेश के स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में प्रति सप्ताह 3 दिन की छुट्टी की गई थी और बिजली की कमी को पूरा करने के लिए काम के घंटे कम करने पड़े थे। इसी तरह बैंकों को भी 10 से 6 की जगह 9 से 4 तक खोलने का आदेश दिया गया। इससे पहले नवंबर 2014 में बांग्लादेश एक बड़ी बिजली कटौती का सामना कर चुका है। उस समय देश का लगभग 70% हिस्सा लगभग दस घंटे तक बिना बिजली के रहा था।

गौरतलब है कि सरकार ने आयात की लागत को कम करने के लिए डीजल से चलने वाले सभी बिजली संयंत्रों को बंद कर दिया था, जो पहले से ही बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं। आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए बांग्लादेश सरकार ने भी आईएमएफ से एक ऋण कार्यक्रम शुरू करने का अनुरोध किया है जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है

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